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आखिर हाथ में ही क्यों लगाया जा रहा है कोरोना का टीका?

हाथ में क्यों लगाया जा रहा है टीका



कोरोना टीके की दोनों डोज हाथ में क्यों लग रही है आखिर हाथ में ऐसा क्या होता है जिसके कारण टीका वही लगाया जाता है अमेरिका के पडियोस यूनिवर्सिटी में नर्सिंग के एसोसिएट प्रोफेसर लिबी रिचर्ड्स का कहना है कि कंधे के पास हाथ की मांसपेशी मजबूत होती है और उसके आसपास इम्यून सेल्स होती है जो टीका लगाने के लिए शरीर का सबसे उपयुक्त स्थान होता है यह इम्यून सेल्स एंटीजन को पहचान लेती है वायरस या बैक्टीरिया का छोटा सा कण जैसे ही अत्यधिक इम्यून सेल्स में मिलता है वह शरीर के इम्यूनिटी को सक्रिय कर देता है कोरोना का टीका एटीजन का ब्लू प्रिंट तैयार करता है जिससे शरीर में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बननी शुरू होती है

 लिंफनोड्स की अहम भूमिका

मांसपेशी में मौजूद इम्यून सेल्स वैक्सीन में मौजूद एंटी जन को लिंफनोड्स तक लेकर जाता है मांसपेशी में टीका लगने के बाद वह दूसरी इम्यून कोशिकाओं को अलर्ट करता है और उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित करता है लिंफनोडस इम्यून सिस्टम का अहम भाग है जहां बड़ी मात्रा में कोशिकाएं होती है यह वैक्सीन में मौजूद एंटी जन को पहचानकर शरीर के इम्तयून प्रकिया को एंटीबॉडीज बनाने के लिए सक्रिय कर देता है

 जब टीका सही जगह नहीं लगे तो....

विशेषज्ञों का कहना है कि टीका अगर सही मांसपेशी में नहीं लगेगा तो वहां सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर कोई टीका फैट कोशिका में लगे तो बेचैनि यां सूजन का खतरा अधिक होता है क्योंकि फैट टिशू में रक्त का संचार ठीक नहीं होता है। इस कारण संभव है कि शरीर में पूरी और पर्याप्त मात्रा में टिका न जा पाए। यह भी हो सकता है कि टीका उतना असरदार ने हो जितना असरदार वह है।

कहां लगेगा टीका ,इस आधार पर चुनाव...

वैक्सीन कहां लगना है इसका चुनाव मांसपेशी के आकार पर निर्भर करता है ।व्यस्क और 3 साल से अधिक उम्र के बच्चे को टीका हाथ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशी में लगता है ।छोटे बच्चों को टीका जांघों के बीच में लगाया जाता है क्योंकि छोटे बच्चों के हाथ की मांसपेशी कमजोर और छोटी होती है।


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